ई-सिगरेट कार्सिनोजेनिक हो सकती है। ई-तरल पदार्थों में आर्सेनिक की वजह से सभी

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ई-सिगरेट कार्सिनोजेनिक हो सकती है। इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट तरल पदार्थों में आर्सेनिक की वजह से सभी। शोध के अनुसार, शरीर को आर्सेनिक की नियमित आपूर्ति से फेफड़े, त्वचा या गुर्दे के कैंसर का विकास हो सकता है। इससे पता चलता है कि ई-सिगरेट